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2 बिलियन विद्यार्थी अपनी क्लास अटेंड नही कर पा रहे है। परिणामस्वरुप शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही तेज़ी से परिवर्तन हुआ है और आज शिक्षा ऑनलाइन (education online) की ओर उन्मुख हुई है आज शिक्षा का रूप डिजिटल (digital education) हो गया है। रिसर्च बताती है कि ऑनलाइन शिक्षा ने इनफार्मेशन को बढाया है और टाइम को कम किया है। देखा जाये तो आज लॉकडाउन खुलने के बाद भी बच्चो की सेफ्टी को देखते हुए स्कूल बंद चल रहे है। उनकी ऑफलाइन एजुकेशन अब ऑनलाइन क्लासेज (online classes) के माध्यम से दी जा रही है आज ऑनलाइन क्लासेज ने एजुकेशन का एक नया रास्ता खोल दिया है जो भविष्य में और अधिक विकसित होने के चांसेस है। ऑनलाइन एजुकेशन से बच्चो में ख़ुशी देखने को मिलती है।ऑनलाइन शिक्षा ने लॉकडाउन (lockdown) में चल रही इस मुश्किल को आसान कर दिया है। अब विद्यालय के निर्देशों के अनुसार शिक्षक बच्चो को घर से ही ऑनलाइन पढ़ा रहे है ताकि शिक्षा में किसी भी प्रकार का व्यवधान न आये। ऑनलाइन एजुकेशन क्या है और इसके लाभ और नुकसान के बारे में हम बात करेंगे, तो दोस्तों शुरू करते है – दोस्तों आज ऑनलाइन शिक्षा, शिक्षा का एक ऐसा माध्यम बन गया है, जिसके माध्यम से बच्चे घर बैठे ही अपने टीचर से इंटरनेट से जुड़कर देश के किसी भी कोने या प्रांत में रहकर पढ़ सकते है। इसे लोग ऑनलाइन क्लासेज भी कहते हैं। शिक्षक और विद्यार्थी अपने सहूलियत के समय का चुनाव करके ऑनलाइन जुड़ जाते है। शिक्षक स्काइप, व्हाट्सप्प, गूगल मीट और ज़ूम वीडियो कॉल के माध्यम से बच्चो को आसानी से पढ़ा सकते है। ऑनलाइन शिक्षा एक तरह का सिस्टम है जहाँ टीचर भिन्न प्रकार के एप का उपयोग करके शिक्षा को आसान (easy education) बना देते है।ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली कई संचार मोड का उपयोग करके, शिक्षकों और छात्रों दोनों को विचारों और जानकारी का आदान-प्रदान करने और देश के किसी भी कोने से काम करने का मौका देती है। ई-लर्निंग डिस्टेंट शिक्षा का एक रूप है, जहां शिक्षक दूर बैठे अपने छात्रों को ऑनलाइन प्लेटफोर्म के ज़रिये पढ़ाने का कार्य करता है। इसके कुछ फायदे है जो निम्न है – ऑनलाइन एजुकेशन होने से बच्चो का स्कूल जाने में लगने वाले समय की बचत होती है। कई बार बच्चो को शिक्षा के लिए दूर जाना होता है जिसकी बजह से उन्हें थकान का भी अनुभव होता है जिसके कारण वो एकाग्र होकर पढाई नही कर पाते और एक्स्ट्रा एक्टिविटी जैसे डांस, म्यूजिक आदि से दूर रह जाते है। ऑनलाइन शिक्षा Read Full Report उनका समय बचता है। ऑनलाइन एजुकेशन काफी सुविधाजनक होती है क्योकि इसमें छात्र घर बैठे ही शिक्षा ले सकता है और जहां चाहें वहां बैठकर पढ़ सकते हैं। बच्चों को गर्मियों के मौसम में काफी आराम मिल रहा है जिससे वो अपनी एनर्जी अच्छे से यूज़ कर सकते हैं।जैसा की हम सभी जानते है कि बच्चो की ऑनलाइन शिक्षा चल रही है और विडियो चैटिंग के माध्यम से क्लासेज ली जा रही है ऐसे में बच्चे नयी टेक्नोलॉजी सीख रहे है और इससे रूबरू हो रहे है। लगातार टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने का तरीका सीख रहे है वहीं, ऑनलाइन क्लासेस से टीचरों ने भी पढ़ाने का नया तरीका सीखा है और बच्चों को पढ़ाने और पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ाने के नए रास्ते ढूंढें हैं।ऑनलाइन एजुकेशन होने से अब बच्चो को दूर स्कूल नही जाना पड़ रहा है जिसकी बजह से ट्रांसपोर्ट में होने वाले खर्चे में कमी हो रही है। साथ ही इसी में विडिओ नोट्स और सभी डाटा अनलाइन होने के कारण ट्यूशन का फीस भी बच रहा है।ऑनलाइन एजुकेशन के आने से टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ा है और शिक्षण व्यवस्था में भी बदलाव देखने को मिला है। ऑनलाइन क्लासेज से शिक्षण संबंधित उपयोग जैसे फाइल, लिंक और वीडियो भेजने के कारण शिक्षक अपनी रचनात्मक शिक्षा को विद्यार्थियों तक पहुंचाने में सक्षम रहते है। जिससे बच्चो को विभिन्न प्रकार से पढ़ने का भरपूर मौका मिलता है।अब बच्चे अपनी क्लास लेने के बाद एक्स्ट्रा सीखने का प्रयास कर रहे है जैसे म्यूजिक, डांस, पेंटिंग आदि। साथ ही टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने से बच्चो में जानने की इच्छा प्रवल हुई है। जैसा की हम सभी जानते है कि जिस चीज़ के फायदे होते है उसके नुकसान भी होते है उसी प्रकार ऑनलाइन क्लास के जहाँ फायदे है वही कई नुकसान भी है। जो निम्न है –ऑनलाइन एजुकेशन अक्सर बच्चे अपने घर पर अकेले ही रहकर लेते है जिसकी बजह से उनका आपस में कांटेक्ट नही हो पाता जिसके कारण बच्चे टीचर के संपर्क में न आने के कारण जो कांटेक्ट में आने से व्यवाहरिक रूप से सीखते है वो नही सिख पा रहे है। बच्चो को सीखने का एक माहौल नही मिल पाता और जो प्रतिस्पर्धा के कारण बच्चे आगे बढ़ने का प्रयास करते है वही ऑनलाइन में नही हो पाता। ऑनलाइन क्लासेस में स्कूल जैसा माहौल न होने से बच्चों का पढ़ाई में मन भी कम लगता है।आज ऑनलाइन एजुकेशन होने के कारण पेरेंट्स इन्टनेट कनेक्शन के साथ लैपटॉप या मोबाइल अपने बच्चो को दे देते है। कई बार बच्चे इसका गलत उपयोग करते है। कई बार पेरेंट्स इस बात पर ध्यान नही दे पाते और बच्चे क्लास के बहाने मोबाइल पर गेम खेलना, या अन्य ऑनलाइन एक्टिविटी में लग जाते है। साथ ही यह सिर्फ एक तरफा अध्यापक बच्चो को पढ़ाता है, उसमे बच्चा ज़्यादा समय के लिए इन्वोल्व नही हो पाते जिससे उनका विकास होना संभव नही हो पता। ऑफलाइन शिक्षक बच्चे को नैतिक शिक्षा प्रदान करता है जब कि ऑनलाइन शिक्षण में ऐसा होना संभव नहीं है।स्कूलों में बच्चो की योग्यता को परखने के उद्देश्य से परीक्षाएं और होमवर्क का कार्य किया जाता है। जिससे टीचर बच्चे को समझ सकते है कि बच्चे में कहा बदलाब की जरुरत है और कहाँ पिछड़ रहा है साथ ही बच्चे भी अपने आपको इसके द्वारा भली भाँती परख सकते है। परन्तु ऑनलाइन शिक्षा में आत्म मूल्यांकन की कमी देखने को मिलती है। ऑनलाइन शिक्षा में बच्चे ऑनलाइन बुक पढ़ते है जब कि स्कूलों में विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की पुस्तकों से रूबरू होते है।बच्चे ऑनलाइन क्लास के कारण घंटो मोबाइल या लैपटॉप का उपयोग करते है जिसकी बजह से उनकी आँखों और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। ज्यादा उपयोग से कम उम्र में ही उनको चश्मे लगवाने पड़ते है और बच्चो में कम उम्र में ही दर्द की समस्या देखने को मिलती है।मोस्टली टीचर क्लास में बच्चो को सीधे तरीके से समझ सकता है। क्योंकि क्लास में बच्चे टीचर के बोलचाल, हावभाव और प्रतिक्रिया को देखकर समझ सकता है कि आप क्या समझाना चाह रहे है? टीचर की बॉडी लैंग्वेज को समझ सकता है। दूसरी ओर ऑनलाइन शिक्षा में प्रत्यक्ष रूप से आमने सामने बात करने का मौका नहीं मिलता है। छात्रों को समझने और प्रगति की निगरानी ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा कठिन होती है।ऑनलाइन एजुकेशन में इन्टरनेट का होना जरुरी है यदि किसी जगह इन्टरनेट उपलब्ध नही है उस स्थिति में ऑनलाइन शिक्षा कराना मुश्किल है। अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ लोग के पास तीव्र गति वाले इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। इसलिए वहां ऑनलाइन शिक्षा अभी भी वहां उपलब्ध नहीं है।स्कूल की क्लास में पढाई एक अध्ययन सूची और निश्चित अवधि के लिए होती है लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में ऐसी कोई विशेष शिक्षा सूची तैयार नहीं हुई है। साथ ही बच्चे स्कूल में जितने अनुशासित रह सकते है उतना ऑनलाइन क्लासेज में गंभीर नहीं होते है।क्लास में बच्चे अक्सर सब्जेक्ट को लेकर उत्साहित रहते है जबकि ऑनलाइन एजुकेशन में उनमे उत्साह की कमी देखने को मिलती है। स्कूल और कॉलेज में टोपर और अन्य बच्चो के साथ प्रतियोगिता कराइ जाती थी, जिससे छात्रों में एक उत्साह देखने को मिलता था जो ऑनलाइन शिक्षा में देखने को नही मिलता।इस प्रकार हम कह सकते है कि ऑनलाइन शिक्षा में कई तरह के पहलु मौजूद है लेकिन साथ ही इससे हम यह नही कह सकते कि इस कोविड-19 के समय में ऑनलाइन शिक्षा ने बच्चो, शिक्षको को एक साथ जोड़े रखा है और शिक्षा संगठनों की काफी मदद की है जिससे शिक्षा का आदान प्रदान नही रुक पाया। आज टेक्नोलॉजी ने इतना विकास कर लिया है कि हम घर बैठे ही शिक्षा ग्रहण करने के साथ साथ कुछ भी कर सकते है। आज ऑनलाइन एजुकेशन ही एक ऐसा साधन बना हुआ है जिससे बच्चे अपने टीचर से लगातार रूप से कनेक्ट है और बिना व्यवधान के अपनी पढाई को सुचारू रूप से चालू रखे हुए है।आशा करने हैं ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of Online Education in Hindi पर यह 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